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उड़े जब-जब जुल्फें तेरी
कंवारियों का दिल मचले कंवारियों का दिल मचले, जिन्द मेरिये जब ऐसे चिकने चेहरे तो कैसे ना नज़र फिसले तो कैसे ना नज़र फिसले, जिन्द मेरिये रुत प्यार करन की आई के बेरियों के बेर पाक गए के बेरियों के बेर पक गए, जिन्द मेरिये कभी डाल इधर भी फेरा के तक-तक नैन थक गए के तक-तक नैन थक गए, जिन्द मेरिये उस गावूं पे सुवर कभी सजके के जहाँ मेरा यार बस्ता के जहाँ मेरा यार बस्ता, जिन्द मेरिये पानी लेने के बहाने आजा के तेरा मेरा इक रस्ता के तेरा मेरा इक रस्ता, जिन्द मेरिये तुझे चाँद के बहाने देखूं तो छत पर आजा गोरिये तू छत पर आजा गोरिये, जिन्द मेरिये अभी छेड़ेंगे गली के सब लड़के के चाँद बैरी छिप जाने दे के चाँद बैरी छिप जाने दे, जिन्द मेरिये तेरी चाल है नागन जैसी री जोगी तुझे ले जायेंगे री जोगी तुझे ले जायेंगे, जिन्द मेरिये जाएँ कहीं भी मगर हम सजना ये दिल तुझे दे जायेंगे ये दिल तुझे दे जायेंगे, जिन्द मेरिये |
विवरण :
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मोहम्मद रफ़ी
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उड़े जब-जब जुल्फें तेरी - Ude Jab Jab Zulfein Teri (Asha Bhosle, Mohammad Rafi)
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