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बरसात में
हमसे मिले तुम सजन तुमसे मिले हम बरसात में नैनों से झांकी जी, (मेरी) मस्त जवानी कहती फिरे दुनिया से, (मेरे) दिल की कहानी उनकी जो मैं, उनसे कैसी शरम बरसात में... प्रीत ने सिंगार किया, मैं बनी दुल्हन सपनों की रिमझिम में, (मेरा) नाच उठा मन आज मैं तुम्हारी हुई, तुम मेरे सनम बरसात में... ये समां है जा रहे हो, कैसे मनाऊँ मैं तुम्हारी राह में ये नैन बिछाऊँ जो ना आओ तुमको, (मेरी) जान की क़सम बरसात में... देर ना करना कहीं ये, आस टूट जाये, सांस छूट जाये तुम ना आओ दिल की लगी, मुझको ही जलाये, ख़ाक़ में मिलाये आग़ की लपटों में पुकारे ये मेरा गम मिल ना सके, हाय, मिल ना सके हम |
विवरण :
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शैलेन्द्र
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बरसात में हमसे मिले तुम सजन - Barsaat Mein Humse Mile Tum Sajan (Lata Mangeshkar)
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