आ अब लौट चलें - Aa Ab Laut Chalein (Mukesh, Lata Mangeshkar)



आ अब लौट चलें
नैन बिछाए, बाँहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा

सहज है सीधी राह पे चलना
देख के उलझन बच के निकलना
कोई ये चाहे माने न माने
बहुत है मुश्किल गिर के सम्भलना
आ अब लौट चलें...

आँख हमारी मंज़िल पर है
दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है
लाख लुभाएँ महल पराए
अपना घर फिर अपना घर है
आ अब लौट चलें...
विवरण :
:
जिस देश में गंगा बहती है
:
1960
:
शंकर-जयकिशन
:
शैलेन्द्र
:
मुकेश,
लता मंगेशकर
:








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