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आ अब लौट चलें
नैन बिछाए, बाँहें पसारे तुझको पुकारे देश तेरा सहज है सीधी राह पे चलना देख के उलझन बच के निकलना कोई ये चाहे माने न माने बहुत है मुश्किल गिर के सम्भलना आ अब लौट चलें... आँख हमारी मंज़िल पर है दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है लाख लुभाएँ महल पराए अपना घर फिर अपना घर है आ अब लौट चलें... |
विवरण :
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लता मंगेशकर
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आ अब लौट चलें - Aa Ab Laut Chalein (Mukesh, Lata Mangeshkar)
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