चुरा लिया है तुमने जो / Chura Liya Hai Tumne Jo Dil Ko



चुरा लिया है तुमने जो दिल को
नज़र नहीं चुराना सनम
बदल के मेरी तुम ज़िंदगानी
कहीं बदल न जाना सनम
ले लिया दिल, हाय मेरा दिल
हाय दिल लेकर मुझको ना बहलाना
चुरा लिया, चुरा लिया है...

बहार बनके आऊँ कभी तुम्हारी दुनिया में
गुज़र न जाए ये दिन कहीं इसी तमन्ना में    
तुम मेरे हो, हाँ तुम मेरे हो
आज तुम इतना वादा करते जाना 
चुरा लिया, चुरा लिया है...

सजाऊँगा लुट कर भी तेरे बदन की डाली को
लहू जिगर का दूँगा हंसीं लबों की लाली को
है वफ़ा क्या, इस जहां को
एक दिन दिखला दूँगा मैं दीवाना
चुरा लिया, चुरा लिया है...
विवरण :
:
यादों की बारात
:
1974
:
आर.डी.बर्मन
:
मजरूह सुल्तानपुरी
:
 आशा भोंसले,
मोहम्मद रफ़ी
:
ज़ीनत अमान,


विजय अरोड़ा






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