मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे
निकले हैं वीर जिया ले यूँ अपना सीना ताने हंस-हंस के जान लुटाने आज़ाद सवेरा लाने मर के कैसे जीते हैं, इस दुनिया को बतलाने तेरे लाल चलें हैं माये, अब तेरी लाज बचाने आज़ादी का शोला बन के खून रगों में डोला मेरा रंग दे... दिन आज तो बड़ा सुहाना मौसम भी बड़ा सुनहरा हम सर पे बाँध के आये बलिदानों का ये सेहरा बेताब हमारे दिल में इक मस्ती सी छायी है ऐ देश अलविदा तुझको कहने की घडी आई है महकेंगे तेरी फिज़ा में हम बन के हवा का झोंका किस्मत वालों को मिलता ऐसे मरने का मौका निकली है बरात सजा है इंक़लाब का डोला मेरा रंग दे... |
विवरण :
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मनमोहन वारिस
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मेरा रंग दे बसंती चोला - Mera Rang De Basanti Chola (The Legend Of Bhagat Singh-Sonu Nigam)
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