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हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता है
एक मेमसाब है, साथ में साब भी है मेमसाब सुन्दर-सुन्दर है, साब भी खूबसूरत है दोनों पास-पास है, बातें खास-खास है दुनिया चाहे कुछ भी बोले, बोले हम कुछ नहीं बोलेगा हम बोलेगा तो... हमरा एक पड़ोसी है, नाम जिसका जोशी है वो पास हमरे आता है, और हमको ये समझाता है जब दो जवाँ दिल मिल जाएँगे, तब कुछ न कुछ तो होगा जब दो बादल टकराएंगे, तब कुछ न कुछ तो होगा दो से चार हो सकते है, चार से आठ हो सकते हैं, आठ से साठ हो सकते हैं जो करता है पाता है, अरे अपने बाप का क्या जाता है जोशी पड़ोसी कुछ भी बोले, बोले हम तो कुछ नहीं बोलेगा हम बोलेगा तो... मेरी बुढ़िया नानी थी, लेकिन वो बड़ी सयानी थी गोदी में मुझे बिठाती थी और सच्ची बात सुनाती थी जब साल सतरवां लागेगा, दिल धड़क-धड़क तो करेगा किसी सुंदरी से नैनवा लड़ेगा, दिल खुसुर-फुसुर भी करेगा जब आग से घी मिलेगा, फिर तो वो भी घी पिघलेगा पिघलेगा जी पिघलेगा न आग से न घी से, हमको क्या किसी से नानी चाहे कुछ भी बोले, बोले हम कुछ नहीं बोलेगा हम बोलेगा तो... |
विवरण :
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कसौटी
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1974
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कल्याणजी-आनंदजी
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वर्मा मलिक
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किशोर कुमार
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प्राण,
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अमिताभ बच्चन,
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हेमामालिनी
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हम बोलेगा तो बोलोगे के / Hum Bolega To Bologe Ke
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