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रोते हुये आते हैं सब, हँसता हुआ
जो जायेगा
वो मुकद्दर का सिकंदर, जान-ए-मन कहलायेगा वो सिकंदर क्या था जिसने ज़ुल्म से जीता जहां प्यार से जीते दिलों को, वो झुका दे आसमां जो सितारों पर कहानी प्यार की लिख जायेगा वो मुकद्दर का सिकंदर... ज़िन्दगी तो बेवफा है एक दिन ठुकरायेगी मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जायेगी मर के जीने की अदा जो दुनिया को सिखलायेगा वो मुकद्दर का सिकंदर... हमने माना ये ज़माना दर्द की जागिर है हर कदम पे आँसुओं की इक नई ज़ंजीर है साज़-ए-गम पर जो खुशी के गीत गाता जायेगा वो मुकद्दर का सिकंदर... |
विवरण :
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मुक़द्दर का
सिकंदर
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1978
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कल्याणजी-आनंदजी
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अनजान
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किशोर कुमार
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अमिताभ बच्चन,
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रोते हुए आते हैं सब - Rote Hue Aate Hain Sab
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