नन्हा मुन्ना राही हूँ - Nanha Munna Rahi Hoon (Shanti Mathur)



नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद

रस्ते में चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
दाहिने-बाएं, दाहिने-बाएं, थम
नन्हा मुन्ना...

धूप में पसीना बहाऊंगा जहाँ
हरे-हरे खेत लहराएंगे वहाँ
धरती पे फ़ाके न पाएंगे जनम
आगे ही आगे...

नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाउंगा मशीनों का नगर
भारत किसी से रहेगा नहीं कम
आगे ही आगे...

बड़ा हो के देश का सहारा बनूंगा
दुनिया की आँखों का तारा बनूंगा
रखूँगा ऊंचा तिरंगा परचम
आगे ही आगे...

शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊंगा मैं प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूंगा कहीं बम
आगे ही आगे...
विवरण :
:
सन ऑफ़ इंडिया
:
1964
:
नौशाद अली
:
शकील बदायुनी
:
शांति माथुर
:








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