चोरी चोरी चुपके चुपके / Chori Chori Chupke



चोरी चोरी चुपके चुपके
पलकों के पीछे से छुपके
कह गई सारी बतियाँ
अँखियाँ, दो अँखियाँ
ये अँखियाँ, दो अँखियाँ

होंठों पर था लाज का पहरा
धड़क गया ये दिल न ठहरा
बन गई प्रेम की पतियाँ
अँखियाँ, हो अखियाँ...

लाख छुपाये मीरा रानी
मनमोहन की प्रेम दीवानी
जान गई, जान गई, जान गई
जान गई सब सखियाँ
अँखियाँ, हो अँखियाँ...

आने को तो नींद भी आई
कुछ न पूछो राम दुहाई
जागी सारी रतियाँ
अँखियाँ, हो अँखियाँ...
विवरण :
:
आप की कसम
:
1974
:
आर.डी.बर्मन
:
आनंद बख़्शी
:
लता मंगेशकर
:
मुमताज़,


राजेश खन्ना,


संजीव कुमार




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