|
|
||
चोरी चोरी चुपके चुपके
पलकों के पीछे से छुपके कह गई सारी बतियाँ अँखियाँ, दो अँखियाँ ये अँखियाँ, दो अँखियाँ होंठों पर था लाज का पहरा धड़क गया ये दिल न ठहरा बन गई प्रेम की पतियाँ अँखियाँ, हो अखियाँ... लाख छुपाये मीरा रानी मनमोहन की प्रेम दीवानी जान गई, जान गई, जान गई जान गई सब सखियाँ अँखियाँ, हो अँखियाँ... आने को तो नींद भी आई कुछ न पूछो राम दुहाई जागी सारी रतियाँ अँखियाँ, हो अँखियाँ... |
विवरण :
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
राजेश खन्ना,
|
|
|
|
संजीव कुमार
|
|
|
|||
|
|||
|
|
चोरी चोरी चुपके चुपके / Chori Chori Chupke
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment