ये जो पब्लिक है / Ye Jo Public Hai



ऐ बाबू ये पब्लिक है पब्लिक
ये जो पब्लिक है सब जानती है
पब्लिक है..
अजी अंदर क्या है, अजी बाहर क्या है
ये सब कुछ पहचानती है
पब्लिक है..

ये चाहे तो सर पे बिठा ले, चाहे फेंक दे नीचे
पहले ये पीछे भागे, फिर भागो इसके पीछे
अरे दिल टूटे तो, अरे ये रूठे तो
तौबा कहाँ फिर मानती है
ये जो पब्लिक है...

क्या नेता, क्या अभिनेता, दे जनता को जो धोखा
पल में शोहरत उड़ जाये, ज्यों एक पवन का झौंका
अरे ज़ोर ना करना, अरे शोर ना करना
अपने शहर में शांति है
ये जो पब्लिक है...

हीरे-मोती तुमने छुपाये, कुछ हम लोग न बोले
अब आटा-चावल भी छुपा तो, भूखों ने मुंह खोले
अरे भीख ना मांगे, अरे कर्ज़ ना मांगे
ये अपना हक़ मांगती है
ये जो पब्लिक है...
विवरण :
:
रोटी
:
1974
:
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
:
आनंद बख़्शी
:
किशोर कुमार
:
राजेश खन्ना,


मुमताज़






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