बड़ा नटखट है रे / Bada Natkhat Hai Re



बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैय्या
बड़ा नटखट है रे...

ढूँढे री अंखियाँ उसे चहूँ ओर
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर
उड़ गया ऐसे जैसे पुरवईया
का करे यशोदा मैय्या...

आ तोहे मैं गले से लगा लूँ 
लागे ना किसी की नज़र मन में छुपा लूँ
धूप जगत है रे, ममता है छैंया
का करे यशोदा मैय्या...

मेरे जीवन का तू एक ही सपना 
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना
सबका है प्यारा, बंसी-बजईय्या
का करे यशोदा मैय्या...
विवरण :
:
अमर प्रेम 
:
1971
:
आर.डी.बर्मन
:
आनंद बख़्शी
:
लता मंगेशकर
:
शर्मिला टैगोर









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