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पल दो पल की ही क्यूं है ज़िंदगी
इस प्यार को है सदियाँ काफी नहीं तो खुदा से माँग लूँ मोहलत मैं इक नयी रहना है बस यहाँ अब दूर तुझसे जाना नहीं जो तू मेरा हमदर्द है जो तू मेरा हमदर्द है सुहाना हर दर्द है जो तू मेरा हमदर्द है तेरी मुस्कुराहटें हैं ताक़त मेरी मुझको इन्हीं से उम्मीद मिली चाहे करे कोई सितम ये जहां इनमे ही है सदा हिफाज़त मेरी जिंदगानी बड़ी खूबसूरत हुई जन्नत अब और क्या होगी कहीं जो तू मेरा हमदर्द है... तेरी धड़कनों से है ज़िन्दगी मेरी ख्वाहिशें तेरी अब दूआएं मेरी कितना अनोखा बंधन है ये तेरी मेरी जान जो एक हुई लौटूंगा यहाँ तेरे पास मैं हाँ वादा है मेरा मर भी जाऊं कहीं जो तू मेरा हमदर्द है... |
विवरण :
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श्रद्धा कपूर
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हमदर्द / Humdard
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