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तेरे कारण, तेरे कारण
तेरे कारण, मेरे साजन जाग के फिर सो गयी, सपनों में खो गयी आग लगे सारी दुनिया को मैं तेरी हो गयी रे बालम तेरे कारण, तेरे कारण... आजा प्रीतम कितना ही बुलाये, न जानूँ लाज ने रोका पर आधी रात में उठके, छुपके मिलते ही मौका ये गयी वो गयी, सपनों में खो गयी आग लगे सारी... निकली ये सोच के घर से, सैय्याँ से मिल आऊँगी पल दो पल ठहर के जल्दी, मैं वापस आ जाऊँगी पिया मिलन को गयी, तो सपनों में खो गयी आग लगे सारी... रंग लाया चोरी चोरी, ये मिलना तेरा मेरा रातों का पता चला ना, बातों में हुआ सवेरा हाय, नींद मेरी तो गयी, सपनों में खो गयी आग लगे सारी... |
विवरण :
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आन मिलो सजना
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1970
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लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
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आनंद बख़्शी
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लता मंगेशकर
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राजेश खन्ना,
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आशा पारेख
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तेरे कारण मेरे साजन / Tere Kaaran Mere Saajan
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