|
|
||
देखा न हाय
रे, सोचा न हाय रे, रख दी निशाने पे जान
कदमों में तेरे निकले मेरा दम, है बस यही अरमाँ मिट जायेंगे मर जायेंगे, काम कोई कर जायेंगे मर के भी चैन ना मिले, तो जायेंगे यारों कहाँ देखा ना हाय रे... क़ातिल है कौन, कहा नहीं जाये, चुप भी तो रहा नहीं जाये बुलबुल है कौन, कौन सैय्याद, कुछ तो कहो रे मेरी जाँ देखा ना हाए रे... घर से चले खाके क़सम, छोड़ेंगे पीछा ना हम सर पे कफ़न बांधे हुए, आया दीवाना यहाँ देखा ना हाए रे... |
विवरण :
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|
||
|
|||
|
|||
|
|
देखा ना हाय रे / Dekha Na Haay Re
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment