गोरे रंग पे न इतना / Gore Rang Pe Na Itna



गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर
गोरा रंग दो दिन में ढल जायेगा
मैं शमा हूँ तू है परवाना
मुझसे पहले तू जल जायेगा
गोरे रंग पे न इतना...

रूप मिट जाता है
ये प्यार ऐ दिलदार नहीं मिटता
हो फूल मुरझाने से
गुलज़ार ओ सरकार नहीं मिटता
क्या बात कही है, होय (ओये) तौबा
ये दिल बेईमान मचल जायेगा
गोरे रंग पे न इतना...

ओ आपको है ऐसा इनकार
तो ये प्यार यहीं छोड़ो
ओ प्यार का मौसम है
बेकार की तकरार यहीं छोड़ो
हाथों मे हाथ ज़रा दे दो
बातों में वक्त निकल जायेगा
गोरे रंग पे न इतना...

ओ मैं तुझे कर डालूं
मसरूर नशे में चूर तो मानोगे
ओ तुमसे मैं हो जाऊं
कुछ दूर ऐ मगरूर हो मानोगे
तू लाख बचा मुझसे दामन
ये हुस्न का जादू चल जायेगा
गोरे रंग पे न इतना...
विवरण :
:
रोटी
:
1974
:
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
:
आनंद बख़्शी
:
किशोर कुमार,
लता मंगेशकर
:
राजेश खन्ना,


मुमताज़






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