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चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी
तुने कदर न जानी रामा हाय रामा, हाय रामा, हाय रामा उलझे काहे रे, मैं हूँ सूरत में, तुझसे बढ़ के कहीं ठहरी तू है जवां तो, मैं भी सजीला कुछ कम नहीं हाय, दुनिया हुई रे मेरे प्यार में दीवानी लाखों की मैं दिलजानी राम चढ़ती जवानी मेरी चाल... वो कौन ऐसी है, जिसका है रूप, ऐसा जादू भरा छाए मैं भी तो देखूं, तू जिसकी धुन में है बावरा होए, उसके कदम चूमे तेरी जवानी वो है सहर की रानी रामा चढ़ती जवानी मेरी चाल... अब तो तोहे बताना होगा रे, कैसी छब है मेरी ओहो मैंने कहाँ कब, दिखने में तू है, ऐसी बुरी हाय देखे जो मोहे तेरे प्यार की वो रानी हो जाए सरम से पानी रामा होए चढ़ती जवानी मेरी चाल... |
विवरण :
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मोहम्मद रफ़ी
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अरुणा ईरानी
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चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी / Chadhti Jawani Meri Chaal mastaani
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