पुरवा सुहानी आयी रे - Purva Suhani Aayi Re (Mahendra Kapoor)



ढोली ढोल बजाना, ताल से ताल मिलाना

पुरवा सुहानी आयी रे, पुरवा
ऋतुओं की रानी आयी रे, पुरवा
मेरे रुके नहीं पाँव, नाच उठा सारा गाँव
प्रीत पे जवानी छाई रे, पुरवा
पुरवा सुहानी आयी...

मौसम का मुसाफिर खड़ा रस्ते में
उसके हाथों सब कुछ लुटा सस्ते में
छोटी सी उमरिया है, लम्बी सी डगरिया रे
जीवन है परछाई रे, पुरवा
पुरवा सुहानी आयी...

कर ले, कर भी ले प्यार की पूजा
प्यार के रंग पे चढ़े ना रंग दूजा
क्या ये कोई सपना है, मेरे लिए अपना है
बात मेरी बन आयी रे
पुरवा सुहानी आयी...

मीरा सी दीवानी रे नाचे मस्तानी
होंठों पे है सरगम तो आँखों में पानी
घुंघरू दीवाने हुए, रिश्ते पुराने हुए
गीत में कहानी गायी रे, पुरवा
पुरवा सुहानी आयी...
विवरण :
:
पूरब और पश्चिम
:
1970
:
कल्याणजी-आनंदजी
:
इन्दीवर
:
महेंद्र कपूर,
लता मंगेशकर,
मनोहर उदास
:
मनोज कुमार








No comments:

Post a Comment