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फूलों के साथ दिल भी खिल जाते बाबू
तेरे मेरे नैना मिल जाते बाबू हाये रे हाये तुझे किस वक्त गुस्सा आ गाया फूलों के साथ दिल... हम तो राजी थे तीर खाने से आन बैठे थे खुद निशाने पे फेर ली क्यों तूने आँखें बोल बोल बोल बोल ज़ख्मे जी कर शायद सिल जाते बाबू हाये रे हाये तुझे... राम जाने तुम कैसे दिलबर हो कौन परबत के कोई पत्थर हो आदमी होते तो जाते डोल डोल डोल अपनी जगह से तुम हिल जाते बाबू हाये रे हाये तुझे... क्य मजा आया रूठ कर राजाप्यार आया था टूट कर राजा रुक गये हम दो कदम पे दूर दूर दूर दूर धरती अम्बर दोनों मिल जाते बाबूहाये रे हाये तुझे... |
विवरण :
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मुमताज़
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फूलों के साथ दिल भी खिल जाते / Phoolon Ke Saath Dil Bhi Khil Jaate
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