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बीती न बिताई रैना बिरहा की जाई रैना
भीगी हुई अंखियों ने लाख बुझाई रैना बीती हुई बतियाँ कोई दोहराये भूले हुए नामों से कोई तो बुलाये चाँद.. चाँद की बिन दीवानी, बिन दीवानी रतियाँ जागी हुई अंखियों में रात न आई रैना बीती न बिताई रैना... युग आते हैं और युग जाए छोटी-छोटी यादों के पल नहीं जाए झूठ से काली लागे, लागे काली रतिया रूठी हुईं अंखियों ने लाख मनाई रैना बीती ना बिताई रैना... |
विवरण :
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परिचय
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1972
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आर.डी.बर्मन
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गुलज़ार
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लता मंगेशकर,
भूपिंदर
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जया भादुड़ी,
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संजीव कुमार
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बीती ना बिताई रैना / Beeti Na Bitaayi Raina
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