सा रे के सा रे / Sa Re Ke Sa Re




सा रे के सारे ग म को लेकर गाते चले
सा रे के सारे ग म को लेकर गाते चले
पापा नहीं हैं धा नी सी दीदी, दीदी के साथ हैं सारे
सा रे के सारे...
ऐसे नहीं बोलों में गाओ

सा से निकले रोज़ सवेरा, दूर करे अँधियारा
रे से रेशमी किरणों ने खूब कियाउजियारा
सूरज की रोशन किरणों पे सारे गाते चलें
ला ला ला ला...

ग से गुन गुन ग ग ग
म से मद्धम म म म
प से एक पुजारी
स सरेग गमप पमग गमप पमग रगस

ग से गुनगुन करता है, घूमे क्यारी क्यारी
म से मीठे बोलों में, प से एक पुजारी
भँवरे के जैसे फूलों पे सारे गाते चले
ला ला ला ला...

ध म ध प, ग पध से धुप सुनहरी है,ये नी नशीली लागे
सरगम हो गई पूरी, अब क्या होगा आगे
हाँ, सा सा रे ग, ग म प प म ग, म प ध ध प म प ध नि सां प
सा सा रे ग, ग म प प म ग, म प ध ध प म प ध नि सां प सां
सरगम से साथी सरगम की धुन पर गाते चले
पापा नहीं हैं...
विवरण :
:
परिचय 
:
1972
:
आर.डी.बर्मन
:
गुलज़ार
:
किशोर कुमार,
आशा भोंसले
:
जीतेन्द्र,


जया भादुड़ी







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