दीये जलते हैं / Diye Jalte Hain




दीये जलते हैं, फूल खिलते हैं
बड़ी मुश्क़िल से मगर
दुनिया में दोस्त मिलते हैं

जब जिस वक्त क़िसी का
यार जुदा होता है
कुछ ना पूछो यारों दिल का
हाल बुरा होता है
दिल पे यादों के जैसे
तीर चलते हैं
दीये जलते हैं...

इस रंग-रूप पे देखो
हरगिज़ नाज़ ना करना
जान भी मांगे यार तो दे देना
नाराज़ ना करना
रंग उड़ जाते हैं
धूप ढ़लते हैं
दीये जलते हैं...

दौलत और जवानी
इक दिन खो जाती है
सच कहता हूँ सारी दुनिया
दुश्मन हो जाती है
उम्र भर दोस्त लेकिन
साथ चलते हैं
दीये जलते हैं...
विवरण :
:
नमक हराम
:
1973
:
आर.डी.बर्मन
:
आनंद बख्शी
:
किशोर कुमार
:
राजेश खन्ना,


अमिताभ बच्चन







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