मैं शायर बदनाम / Main Shayar Badnaam




मैं शायर बदनाम मैं चला, मैं चला
महफ़िल से नाकाम मैं चला, मैं चला

मेरे घर से तुमको, कुछ सामान मिलेगा
दीवाने शायर का, इक दीवान मिलेगा
और एक चीज़ मिलेगी, टूटा खाली जाम
मैं चला...

शोलों पे चलना था, काँटों पे सोना था
और अभी जी भर के, किस्मत पे रोना था
जाने ऐसे कितने, बाकी छोड़ के काम
मैं चला...

रास्ता रोक रही है, थोड़ी जान है बाकी
जाने टूटे दिल में, क्या अरमान है बाकी
जाने भी दे ऐ दिल, सबको मेरा सलाम
मैं चला...
विवरण :
:
नमक हराम
:
1973
:
आर.डी.बर्मन
:
आनंद बख्शी
:
किशोर कुमार
:
राजेश खन्ना,


रेखा







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