सागर जैसी आँखों वाली / Saagar Jaisi Aankhon Waali



हो, चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या

तू क्या जाने तेरी खातिर, कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है, कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है तू है यहाँ तो, जाता लम्हा थम जाए
वक़्त का दरिया बहते बहते, इस मंज़र में जम जाए
तूने दीवाना दिल को बनाया, इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली...

हो आज मैं तुझसे दूर सही, और तू मुझसे अंजान सही
तेरा साथ नहीं पाऊं तो, खैर तेरा अरमान सही
ये अरमां है शोर नहीं हो, खामोशी के मेले हों
इस दुनिया में कोई नहीं हो, हम दोनों ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हूँ, और मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली...
विवरण :
:
सागर
:
1985
:
आर.डी.बर्मन
:
जावेद अख्तर
:
किशोर कुमार
:
ऋषि कपूर,


डिंपल कपाड़िया 







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