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गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं, मैं उसका नाम, हाय राम सोचा है एक दिन मैं उससे मिल के कह डालूँ अपने, सब हाल दिल के और कर दूँ जीवन उसके हवाले फिर छोड़ दे चाहे अपना बना ले मैं तो उसका रे, हुआ दीवाना अब तो जैसा भी, मेरा हो अंजाम गुम है किसी के... चाहा है तुमने, जिस बावरी को वो भी सजनवा, चाहे तुम्हीं को नैना उठाए, तो प्यार समझो पलकें झुका दे तो, इकरार समझो रखती है कबसे, छुपा छुपा के अपने होठों में, पिया तेरा नाम गुम है किसी के... |
विवरण :
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रामपुर का लक्ष्मण
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1972
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आर.डी.बर्मन
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मजरूह सुल्तानपुरी
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किशोर कुमार,
लता मंगेशकर
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रणधीर कपूर,
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रेखा
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गुम है किसी के प्यार में / Gum Hai Kisi Ke Pyar Mein
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